जावे पैलतीरी| ध्येय एक ||१||
या भवसागरी| षडरिपूंचे डोह|
गटांगळे जीव| त्यांत नित्य ||२||
चिंतेची वादळे| येती प्रवासात|
भरकटे जीव| वादळांत ||३||
मायेचा भोवरा| मोहवी मनांस|
घालितसे पाश| जीवां नित्य ||४||
सुखदुःखरूपी| हा भवसागर|
तरण्यास जपा| रामनाम ||५||
कवनाची स्फूर्ती| दिली रामराये|
मी तर जुळारी| जीव एक ||६||
-सौ. प्रतिमा उदय मनोहर
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